काम वेग किस को रोकना किसको नहीं रोकना चाहिए?
साधु संत महंत तपस्वी तेजस्वी यह लोग ही हैं जो उसमें को रोक सकते बाकी के लिए नहीं, कामवे ग्रस्त लोगों को कभी रोकना नहीं चाहिए , वीर्य के वेट को रोकें और गृहस्थी जीवन .
कभी भी अपने को ना रोके इस मैंने कुछ बता दिया बाकी आप चाहे तो पढ़ लेना किताब में क्योंकि समय कम है हर बार मुझे यही लगता है कि क्या छोटू क्या बताऊँ इससे आगे बढ़े तो आपके जीवन के बारे में वह यह कह रहे हैं।
कि यह एक वर्ग ऐसा है जिसके बारे में साधु संत और महल साधु संत महंत तपस्वी तेजस्वी यह लोग ही हैं जो उसमें को रोक सकते बाकी के लिए नहीं है।
जो साधु है संत है महंत है उनके लिए यह है कि वीर्य के वेट को रोकें और गृहस्थी जीवन चलाने वालों के लिए है ।कि वह कभी भी ना रुके इस पर भागवत जी ने बहुत लंबी व्याख्या साधु संत महंत ब्रह्मचारी तेजस्वी तपस्वी इस तरह के लोगों के लिए उन्होंने निर्देश किया है कि वह ज़रूर अपने वीर्य को रोकने और अगर नहीं रोक पाते हैं ।
तो उनकी साधु था उनकी सन्यासी होने की बात वह कमजोर पड़ती और आप जैसे लोग जो गृहस्ती का जीवन जी रहे हैं ।उनके लिए वीर्य वेग को रोकना बहुत ही खतरनाक है।
Manusy को उन्होंने काम वेट करके कहाँ है कामवे ग्रस्त लोगों को कभी रोकना नहीं चाहिए और साधु-संतों को हमेशा तपस्या करके उस पर कंट्रोल करने के लिए ही प्रयास करना चाहिए, तो साधु संतों का जो जीवन है वह पूरा जीवन शायद इसी में चला जाए तो भी वह कहते हैं, कि निरर्थक नहीं है ।
अब क्यों उनको नहीं करना चाहिए क्यों आपको करना चाहिए यह विश्लेषण में जाऊंगा तो ज़्यादा हो जाएगी आपको सिर्फ़ मैं आपसे काम खराब है जो रोका तो आपके लिए और साधु-संतों के लिए कहते हैं, कि अगर उन्होंने नहीं रोका तो उनके लिए सबसे ज़्यादा तो उनका प्रयास पूरे जीवन भर साथ होना चाहिए ।
जो उसको रोक प्रयास में ही उनकी दिनचर्या उनकी रितु चर्या और उनकी आहार चर्या शामिल है बागवटजी सूत्र लिखे जो सन्यासी हैं संत है महात्मा है उनकी दिनचर्या रितु चर्या होनी ही चाहिए और आपकी दिनचर्या रितु चर्या साधु संत और महात्माओं से भिन्न है।
जो दोनों जगह बनता है और जान लेने के लिए आवश्यक साधु संतों के भोजन तीखे मसाले वाले ना हो एकदम सादगी पूर्ण हो ज़्यादा उसमें की तेल ज़्यादा इस्तेमाल ना हो, तो और आपके लिए बिल्कुल उल्टा आपके भोजन में तीखे मिर्च मसाले हो तो चलेगा।तेल बहुत ज़्यादा हो तो भी चलेगा स्तियों के लिए जो जीवन है ।आहार दिनचर्या और साधू सन्यासियों के लिए जो जीवन है ।
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