मूत्र कभी भी रोकने की कोशिश ना करें

जिसको कभी ना रुके नहीं तो बहुत तकलीफ आई मूत्र का में मूत्र कभी भी रोकने की कोशिश ना करें।पेशाब रुक जाती है,mootr kabhi bhi rokane ki koshish na kare, रोकना पड़ेगा सब तरह की ग्रंथियों पर दबाव बढ़ेगा,1 दिन में दो बार अगर आप शौच के लिए जा रहे हैं तो यह सम्मान में नॉर्मल है।

जब भी आपको ऐसा लग रहा है कि मूत्र आना ही चाहिए या शरीर सिग्नल दे रहा है। तुरंत उसको निकालिए और मैं अब आपको आधुनिक विज्ञान कर दो पहले बात करेंगे। सारे विकार आपके शरीर में आए रक्त के सारे विकार आपके शरीर में आएंगे। अब मैंने यह एक एक्सपेरिमेंट मेरे ऊपर कभी किया था।बाकी जीवन में लेने की आपको ज़रूरत अब एक और बैग है .
mootr kabhi bhi rokane ki koshish na kare

क्या होता है मैंने महसूस किया कि शरीर पर दबाव बढ़ गया शरीर-शरीर मरीज का इलाज भी तो मेरे पास है नहीं आ रही है सबसे ज़्यादा तड़प उनकी ज़िन्दगी में मैंने तभी देखी है। जब उनकी पेशाब रुक जाती है रोकना पड़ेगा सब तरह की ग्रंथियों पर दबाव बढ़ेगा। रक्त पड़ेगा हर कोशिश ना करें।

जब आए तब आपके मन में आए तो हर 10 मिनट में आए हर आधे घंटे में आए और एक बूंद आए फिर नहीं आए तो आप समझिए कि कोई बीमारी के शिकार हैं। आप अगर खुलकर पूरा मूत्र आ रहा है तो कोई चिंता की बात नहीं है लेकिन रुक-रुक के आ रहा है दो-तीन बूंद आया फिर रुक गया फिर दो-तीन बोला है, तो आप बीमारी के शिकार हैं।

तो ऐसी स्थिति में आप किसी विशेषज्ञ की मदद 15% वाला हिस्सा है ना वही है ऐसी स्थिति में किसी विशेषज्ञ की मदद लें और वह आपको मदद कर दे मूत्र को निकालने में तो बहुत अच्छा है। दवा की मदद से औषधि की मदद से यह बहुत आसान है बहुत संभव है। बहुत आसान है।

अगर आपको ऐसा लग रहा है तो ज़रूर जाइए आप बोलेंगे ऐसी है। मैं ऐसा मानता हूँ कि अब ऐसी कोई स्थिति है। नहीं ट्रेन में सभी जगह टॉयलेट रूम से हवाई जहाज में सभी जगह आपके घर में तो है यहाँ जहाँ भी बैठे हैं वहाँ है हो सकता है। सड़क पर चलते समय तो सरकारों ने कई जगह बनाए हैं।

कोशिश करिए क्यों रोके नहीं हो सके अगर है ऐसी इच्छा तो ज़रूर जाए ज़रूर जाए फिर आप कहेंगे जी फिर वही मूत्र वाली स्थिति है। बार-बार टॉयलेट आती है। तो 1 दिन में दो बार अगर आप शौच के लिए जा रहे हैं तो यह सम्मान में नॉर्मल है। मैंने आपको कुछ तकलीफ में अगर 1 दिन में दो बार आप जा रहे हैं वह दो बार हो सकती है। आपके शरीर के हिसाब से हो सकता सुबह और शाम आप जाएँ कोई लोगों को सुबह और दोपहर भी हो सकती है।