स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को पानी पीने के महत्वपूर्ण नियम

स्वस्थ और तंदुरुस्त पानी पीने के चार आयुर्वेद नियम है,svasthy aur tandurusti ko,pani pine ke mahatvapurn niyam, पानी पीने के चार आयुर्वेद नियम, गर्म पानी पीने के नियम, पानी पीने के नियम बताइए, अधिक पानी पीने के नुकसान, कितना पानी पीना चाहिए, पानी पीने का सही तरीका, बासी मुंह पानी पीने के फायदे, बिना कुल्ला किये पानी पीने के फायदे

यह पहला नियम मैंने आपसे कहा दूसरा नियम है और वह नियम यह है कि पानी कभी भी पियो घूंट-घूंट भर के पियो जैसे गर्म चाय पीते हैं। गर्म कॉफी पीते हैं गर्म दूध पीते हैं एक-एक घूंट भर के एक-एक करके ऐसे ही पानी पीने की आदत डालो। यह मुंह में एक बार गिलास लगा लिया गटागट उसको खाली कर दिया यह तरीका गड़बड़ एक घूंट पानी दो पानी एक बार आप बोलोगे यह क्या चक्कर है।

पारदेसी है कि एक ही पानी पीते हैं तो मुंह की लार पानी के साथ मिलकर पेट में अंदर जाती है और यह जो मुंह की लार होती है यह होती और पेट में हमेशा आता रहता तो एक घूंट पानी पिया मुंह की लार इसके साथ अंदर गई दो पिया और ज़्यादा गई बार-बार लार अंदर जाएगी। तो चार पदार्थ पेट के बल के साथ मिलेगा।
स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को पानी पीने के महत्वपूर्ण नियम

पेट में अम्ल बनता है मुंह में लार छारीय होती है। तो यह चार को अमल में मिला दिया जाए और यह अच्छे तरीके से मिलकर पेट में जाए तो कभी भी कोई व्यक्ति के पेट को अमृता नहीं होती एसिडिटी नहीं होती और पेट में अमृता नहीं होती तो रक्त में अम्लता नहीं होती और जिनके रक्त में अमृता नहीं होती। उनकी ज़िन्दगी में कभी भी वात पित्त कफ के असंतुलन की स्थिति पैदा नहीं होती इसलिए पानी घूंट-घूंट करके पीने मैं आपको एक छोटा-सा मेरा ऑपरेशन बताता हूँ।

किसी चिड़िया को पानी पीते हुए देखो किसी पक्षी को पानी पीते हुए देव को वह सोच के एक बूंदी के बराबरी पानी उठाता है। एक बार में एक बूंद पानी लेगा फिर थोड़ी देर क्यों चलाएगा फिर पिएगा फिर दूसरी बूंद लेगा फिर क्यों चलाएगा फिर पिएगा फिर तीसरी बूंद एक-एक बूंद पक्षी पानी पीता है। कुर्ते को पानी पीते हुए देखो चाट-चाट के पानी पीता है। शेर को पानी पीते हुए देखो चाट-चाट के पानी पीता है।

जितने जानवर चाट कर पानी पीते हैं जितने पक्षी एक-एक घूंट पानी पीते हैं। किसी भी पक्षी और किसी भी जानवर को डायबिटीज नहीं है किसी को अर्थराइटिस नहीं है। कोई पक्षी ओवरवेट नहीं है कोई पशु ओवरवेट नहीं है वह सब स्लिम ट्रिम है क्योंकि वह इतने होशियार हैं कि पानी चार्ट के पीते हैं यह हैरानी होती है। कि पशु पक्षियों को कौन सिखाता है।

वह अपने जन्म से यह ज्ञान से कराते हैं, उनका कोई गुरु नहीं है उनका कोई विद्यालय नहीं है। उनके कोई प्रशिक्षण शिविर नहीं लगते फिर भी उनको इतनी अक्ल है कि पानी घुट-घुट पीना और हम यह मनुष्य जिनके इतने गुरु इतने विद्यालय इतने कॉलेज सीखने वाले सिखाने वाले और हम मूर्खों के मूर्ख गटागट-गटागट पानी पीते तो पानी पीने का तरीका बदल दो। घूंट-घूंट भर के पानी यह दूसरा तीसरा नियम है

जिंदगी में कितनी भी प्यास लगे ठंडा पानी बर्फ डाला हुआ। पानी फ्रिज में रखा हुआ, पानी वाटर कूलर का पानी जिसका तापमान बहुत कम है यह कभी मत पीना क्यों क्योंकि शरीर आपका गर्म है और पानी ठंडा है अब होता क्या है। वह मैं समझाता हूँ सरल भाषा में ठंडा पानी डाल दिया आपने तो अंदर झगड़ा होता और झगड़ा क्या होता है, या तो पानी पेट को ठंडा करेगा या पेट पानी को गर्म करेगा।

अगर पानी ने पेट को ठंडा कर दिया तो पेट के ठंडा होते, ही ठंडा होता है। ठंडा होता-होता है ।ठंडा हो तो यह आदमी ठंडा होता है और आदमी ठंडा होते ही राम नाम सत्य होती है। आपको मालूम है जब शरीर ठंडा पड़ जाता है तो घर में भी नहीं रखते निकाल कर बाहर सड़क पर देते जो घर आपने बनाया। अपनी मेहनत से शरीर के ठंडा पढ़ते ही निकाल बाहर करते हो उस घर में फिर चिल्लाने लगते।

लेकर जाओ जल्दी लेकर जाओ इसको जलाकर आओ माने ठंडे शरीर की नहीं है।

ठंडा पानी क्यों पी रहे, हो भाई बंद कर दो कोई जानवर ठंडा पानी नहीं पीता, कोई पक्षी नहीं पीता तो आप ठंडा पानी पीना बंद करो। सादा पानी पीना शुरू करो और गर्मी के दिनों में बहुत अगर आपको तकलीफ है। तो मिट्टी के घड़े का पानी पी लेना फ्रिज का और बर्फ का नहीं पीना यह तीसरा नियम है।

चौथा और आखिरी नियम है कि आप सवेरे-सवेरे जब सोकर उठते हो तो सबसे पहले पानी पियो, जैसी आपकी आँख खुल गई तो पहले दो-तीन गिलास पानी पी लो, उसके बाद आप टॉयलेट में जाओ उठते ही पानी पियोगे तो दो फायदे हैं, पहला फायदा यह है कि पानी पेट में जाकर बड़ी हाथ को साफ करता है और जैसे बड़ी आंत की सफाई होगी, पेट पर दबाव पड़ेगा।ग्लास पानी पी लो उसके बाद आप टॉयलेट में जाओ।

उठते ही पानी पियोगे तो 2 फायदे हैं पहला फायदा यह है कि पानी पेट में जाकर बड़ी हाथ को साफ करता है और जैसे बड़ी आंत की सफाई होगी पेट पर दबाव पड़ेगा और आप संडास घर में जाएंगे दो-तीन मिनट में पेट आपका साफ हो जाएगा। जिनका पेट सुबह एक बार में साफ हो जाता है। उनकी ज़िन्दगी में कभी रोक नहीं आता इसलिए सुबह-सुबह उठते ही पेट साफ होना ज़रूरी।

उठते ही पानी पियोगे तो मुंह की जो लार है वह पानी के साथ मिलकर अंदर जाएगी सुबह पेट में एसिड की मात्रा ज़्यादा होती है। इसलिए लड़का पेट में जाना बहुत ज़रूरी है इसलिए सुबह उठते ही पानी पीना बहुत ज़रूरी है।

यह चार नियम है आयुर्वेद के पहला नियम खाना खाने के 1 घंटे बाद पानी पीना, दूसरा नियम पानी को हमेशा घूट-घूट भर कर पीना, तीसरा नियम कभी भी ज़िन्दगी में ठंडा पानी नहीं पीना और चौथा और आखिरी नियम सवेरे उठते ही सबसे पहले पानी पीना, चार नियम का पालन जो भी अपने जीवन में कर सकता है वह वात पित्त कफ तीनों को संतुलित रखता है।

जिसका वात पित्त कफ संतुलित है उसके जीवन में बीमारी नहीं आती है और जो बीमार नहीं पड़ते हैं। वह स्वस्थ और तंदुरुस्त और सुखी रहते हैं उनकी ज़िन्दगी का खर्चा कम होता है और देश का भी बहुत सारा पैसा बचता है। आपको शायद मालूम है या नहीं एक साल में हम जब बीमार पड़ जाते हैं भारतवासी तो साल का करीब 600000 करोड़ रुपया हमारा खर्च हो जाता है। उन बीमारियों का इलाज इसलिए इतना पैसा फालतू में हम खर्च करें।

हर साल छह लाख करोड़ यह बहुत बड़ी रकम है इससे बेहतर यह है कि हम बीमार ही नहीं पढ़े और स्वस्थ रहें सुखी रहें और यह छैला करोड़ का जो खर्चा हम करते हैं बीमार पड़ने पर अक्सर ये एलोपैथी की दवाई खाने में खर्च होता है और जो एलोपैथी दवाएँ हम खा रहे हैं जैसे पेरासिटामोल बैरल गन बूटा जोन ऑक्सिफिनबुटाजोन एस्प्रिन डिस्प्रिन खराब दवाएँ हैं। जो दुनिया के देशों में 20 साल पहले बंद हो चुकी है। भारत में धड़ल्ले से बिक रही है।

हम को बीमारियों से ज़्यादा गंभीर बीमारियों में फंसा रही ज्यादातर दवाएँ जो आप खाते हो किडनी खराब कर देती हैं। लीवर खराब कर देते हैं आंतों में घाव कर देती हैं विकलांगता जाती है। पैरालिसिस हो जाता है ब्रेन हेमरेज हो जाता है हर्ट अटैक आ जाता है। दुनिया में लगभग 84000 दवाएँ बिकती और आपको सुनकर हैरानी होगी। उनमें से मात्र 170 दवाएँ हैं जो काम किए हैं बाकी सब बेकार की दवाएँ ।

उन बेकार की दवाओं को खाकर हम करोड़ खर्च करते हैं यह बहुत दुख हो रहा उसकी बात और यह लाख करोड़ का खर्चा समाज के वह लोग करते हैं जिनको ज़िन्दगी में हर समय अपना आर्थिक स्थिति को देख कर चलना पड़ता है। जिनकी आमदनी बहुत नहीं है जिनके घर में आमदनी के बहुत ज़्यादा साधन नहीं है। उनको यह पैसा खर्च करना पड़ता है।