पानी कैसे पिए जिससे हमारी पाचन क्रिया सही हो?
खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना, pani kaise piye jisase hamari pachan kriya sahi ho, खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना।यह पहला नियम खाना खाते ही पानी पीते हैं हम तो सबके बिना पानी पिए खाना नहीं खाते कई लोग तो खाने से ज़्यादा पानी पीते, खाना कम खाते पानी ज़्यादा पीते, यह खाना खाने के बाद पानी कभी भी नहीं पीना।
क्योंकि महर्षि वाग्भट कहते हैं और जानते विश्वंभरी माँ ने भोजन के अंत में पानी पियो तो जहर के पीने के जैसा इसलिए वह कहते कभी भी खाने के जब खाना खाते हैं ।ना तो पेट में सारा खाना इकट्ठा होता है पेट में एक स्थान होता है।उसको हम कहते हैं संस्कृत में हिन्दी में झटन कहते अंग्रेज़ी में उसको एचपी गैस स्वयं कहते हैं ।
हिंदी में कुछ लोग उसको आमाशय भी कहते यह छोटा-सा स्थान है आपके पेट में नाभि है।ना उसके लेफ्ट साइड में बाई तरफ छोटा-सा स्थान है सारा खाना आपका इसी स्थान पर आता है जो भी आप खाते हो रोटी चावल दाल सब्जी दूध दही कुछ भी खाओ सब कुछ जखर में आता है।अब घर में जैसे खाना इकट्ठा होता है तो उसमें आग जलती और उस आग को कहते हैं जटनी मिलाकर बोल देते हैं।
जठराग्नि आप जैसे खाना खाते हो पेट में जठर में अग्नि जलती है।वह अग्नि खाने को बचाती है और अग्नि खाने को ऐसे ही बचाती है ।जैसे रसोईघर की अग्नि खाने को पकाती है आपके रसोईघर में आप अग्नि जलाओ उसके ऊपर दूध रख दो दूध में थोड़ा चावल डाल दो अग्नि जब तक जलती रहेगी, खीर तब तक बनती रहेगी, आप घर में अग्नि जलाओ उसके ऊपर पानी रख दो उसमें डाल-डाल दो डाल की पकने की क्रिया तब तक चलेगी, जब तक आदमी जलेगी ऐसे ही पेट में होता है जैसे आपने खाना खाया पेट में आदमी जलती है,
जब तक अग्नि जलती है तो खाने के बचने की क्रिया चलती है जैसे रसोई घर में खाना पकाते हैं वैसे ही पेट में भी खाना पकता है इसी को हम पचने की क्रिया कहते हैं।अंग्रेजी में उसको डाइजेशन कह देते तो आपने खाना खाया पेट में आदमी जल गई अब वह खाने को हजम करेगी बचाएगी ।अब मुझे प्रश्न का उत्तर दो आप की जैसी आपने खाना खाया पेट में अग्नि जल गई और वह खाने को बचा रही है।
तुरंत आपने गट-गट गट गट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया बर्फ मिलाया हुआ पानी पी लिया फ्रिज का पानी पी लिया क्या होने वाला है।अग्नि जलेगी की बुझेगी अग्नि के ऊपर पानी डालो तो अग्नि और पानी की दोस्ती नहीं है दुश्मनी है।पानी अग्नि को बुझा देता है तो आपने खाना खाया अग्नि जली पीछे से गट-गट पानी पी लिया अब निशांत हो गई अब खाना पड़ेगा नहीं तो पेट में पड़ा-पड़ा सड़ेगा।और सड़ा हुआ खाना 100 से ज़्यादा विश पैदा करेगा और वह 24 आपकी ज़िन्दगी को नर्क बना देंगे और ज़िन्दगी भर आप बीमार पड़े रहे आपको मालूम है।
कई लोग कहते हैं मुझे पेट में बहुत गैस बनती है।यह गैस उन्हीं को बनती है जिनका खाना हजम नहीं होता कोई लोग कहते हैं।कि मुझे पेट में जलन होती है।यह जलन होती है जिनका खाना पचता नहीं कोई कहते हैं कि मेरे पेट में एकदम गुम हो जाता है फूल जाता है यह सब वह लक्षण है।जब खाना पचता नहीं तो खाना पड़ेगा नहीं तो चलेगा-चलेगा तो विश पैदा करेगा और वह विश आपको बीमार करेंगे इसलिए महर्षि भागवत ने कहा खाना खाते ही पानी मत पियो समझ में आया फिर आप बोलोगे कितनी देर तक नहीं है ।
कम से कम 1 घंटे तक 1 घंटे बाद पानी पियो आप बोलोगे जी एक घंटा क्यों यह जो आग निकलने की क्रिया है यह लगभग 1 घंटे 11: 00 बजे खाया तो 12: 00 बजे पियो 12: 00 बजे खाया तो 1: 00 बजे पियो 1 घंटे बाद पानी पियो।
अब आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि खाना खाने के पहले पीले क्या आप पी लो 40 मिनट पहले पेट भर के पानी पी लो 10: 00 बजे खाना-खाना है 9: 20 पर खूब पानी पी लो जितना पी सकते.11: 00 बजे खाना-खाना है 10: 20 पर पी लो पानी पी लो 40 मिनट पहले आप और एक सवाल पूछ सकते हो क्या अच्छा ठीक है आने के बाद पानी तो नहीं पिएंगे कुछ और पी सकते हैं ।
क्या पानी को छोड़कर तो उसके लिए बागवटजी कहते हैं कि खाने के तुरंत बाद अगर पीना है।तो दही की लस्सी पियो मट्ठा खाने के बाद अगर तुरंत पीना है तो फलों का रस पियो गन्ने का रस पी लो संतरे का रस पी लो मुसम्मी का रस पी लो अनार का रस पी लो अब आप कहोगे ।यह सब में ही महंगी चीजें बता रहे हैं संतरे का रस नींबू का रस पी लो शिकंजी बनाकर पी लो सबसे सस्ता है तो खाना खाने के बाद या तो दही की लस्सी पियो-पियो और तीसरी चीज है दूध पी सकते तो खाने के तुरंत बाद जीना है तो दही खाने का तो कोई फल का रस खाने तो दूध पानी 1 घंटे बाद और एक बात ध्यान रखो तो अच्छा है कि सवेरे खाना खाते हैं जिसको हम ब्रेकफास्ट कहते नाश्ता तो फलों का रस पीना अच्छा दोपहर को खाना खाए तो लस्सी और मट्ठा पीना अच्छा और रात का खाना खाए तो दूध पीना अच्छा जो लोग इस नियम का पालन कर सकते हैं ।
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