डेंगू के लक्षण और उपचार इन हिंदी
डेंगू बुखार होने पर शरीर में प्लेटलेटस कम होने लगता है साथ ही खून की कमी भी होने लगती है। डेंगू की बीमारी एडीज नामक मच्छर के काटने से होती है। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पाया जाता है। डेंगू की बीमारी में समय पर इलाज कराना बहोत ज़रूरी होता है क्योंकि यह एक जानलेवा बुखार है। आज हम आपको डेंगू होने पर क्या करें, डेंगू में क्या खायें और साथ ही बतायेंगे Dengue fever ka desi ilaj in hindi.
मच्छर के काटने के लगभग 3 दिन के बाद डेंगू वायरस अपना प्रभाव दिखाने लगता है। डेंगू के मरीज की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। भूख कम लगती है और रोगी के मुँह का स्वाद बदल जाता है। शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है।
इसके अलावा अगर शरीर के किसी अंग जैसे नाक, कान और मुँह आदि से खून निकलने में ब्लीडिंग हो तो इसे डेंगू की गंभीर स्थिति समझनी चाहिए।
- डेंगू के इलाज के घरेलु उपाय
बाबा रामदेव डेंगू बुखार का रामबाण इलाज में 7-8 तुलसी की पत्तियों को एक गिलास पानी में डालके उबाल लें। अब इस काढ़े को मरीज को पिलायें। एलोवेरा का रस पानी में मिलाकर पीने से डेंगू ठीक होने में फायदा मिलता है।
डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज के लिये गिलोय भी बहोत अच्छी दवा है। गिलोय प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद करती है। इसके सेवन से शरीर से सारे हानिकारक रसायन बहार निकल जाते हैं।
नीम में एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण पाये जाते हैं जो डेंगू के वायरस से लड़ने में मदद करता है। नीम की पत्तियाँ ब्लड सेल्स को बढ़ाती हैं। एक मुट्ठी नीम की पतियों को एक गिलास पानी में डालके अच्छे से उबाल लें। अब इस पानी का दिन में 2 बार सेवन करें।
बकरी का दूध डेंगू के फीवर में प्लेटलेट्स को बढ़ाने में बहोत मदद करता है। बकरी के दूध से डेंगू के बुखार का जड़ से इलाज किया जा सकता है। बकरी के दूध में बहोत से विटामिन्स पाये जाते हैं और यह सिर्फ़ 25 मिनट में ही हजम हो जाता है।
पपीते के पतों का रस डेंगू के इलाज के लिये काफी फायदेमंद होता है। 4-5 पपीते के पते लें और 2 गिलास पानी में डालके उबाले जब तक कि ये पानी एक गिलास ना रह जाये। इस पानी को रोजाना खाली पेट पीते रहें।
तुलसी हर प्रकार के रोग को ठीक करने के लिए फायदेमंद होती है। चाहे सामान्य बुखार हो, मलेरिया हो या फिर डेंगू आदि किसी भी बीमारी को ठीक करने में तुलसी बहोत काम आती है। तुलसी के पतों की आप चाय बनाकर पी सकते हैं या फिर पतों को पानी में डालके उबालकर काढ़ा बनाकर पियें। इसके सेवन से डेंगू संक्रमण का प्रभाव कम होता है।
मरीज को तरल चीजों का ज़्यादा सेवन करायें। अगर मरीज पानी पीने से कतराता है तो उसे सेब का रस, अनार का रस, निम्बू का रस पिलायें।
- डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
डेंगू बुखार में संतरे के जूस और संतरा खाना चाहिए। क्योंकि संतरे में विटामिन C और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। गाजर, ककड़ी और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। मरीज को प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
- डेंगू से बचने के उपाय
कूलर का पानी ज़्यादा दिनों तक भरा ना रहने दें उसे बदलते रहें। पानी की टैंक में कीटाणुओं को मारने वाली दवा डालकर रखें। घर में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। रात को बिस्तर पर मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू जैसी बीमारी से बचने के लिये रोजाना तुलसी के पतों का काढ़ा बनाकर के पियें।
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