मां के दूध से तेजी से विकसित होता है शिशु का मस्तिष्क jane hindi me 


मां का दूध शिशु की सेहत के लिए अमृत के समान है। माताओं के लिए स्तनपान कराने के कई फायदे हैं, लेकिन taja अध्ययन में पता चला है कि ese शिशुओं के मस्तिष्क का तेजी से विकास भी होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों के अनुसार, estan के दूध में कार्बोहाइड्रेट, ओलिगोसेकेराइड प्रचूर मात्रा में होते हैं जो मस्तिष्क का विकास करते हैं। अध्ययन में स्तनपान कराने वाली 50 महिलाओं और उनके 1 से 6 माह के शिशुओं को शामिल किया गया और बच्चों के 24 माह का होने पर मस्तिष्क का विकास जांच गया। यह रिसर्च रिपोर्ट पीएलओएल वन जर्नल में प्रकाशित हुई है।


मां के दूध से तेजी से विकसित होता है शिशु का मस्तिष्क jane hindi me



bachha को पहले 6 महीनों में sampurn विकास के लिए जिन पौषक तत्वों की जरूरत होती है, मां का दूध वह सबकुछ प्रदान करता है। इसका लंबे समय तक बच्चे के शरीर और मानसिक विकास पर सकारात्मक असर पड़ता है। मां के दूध में ऐसे अम्ल होते हैं जो दिमाग का विकास करते हैं। इन्हें वसीय अम्ल कहा जाता है। ये नवजात शिशु की बुद्धि के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। जिन बच्चों को लंबे समय तक स्तनपान कराया जाता है, वो utne ही बुद्धिमान होते हैं।

स्तनपान के फायदे
मां के दूध में प्रचूर मात्रा में जिंक, कैल्शियम और विटामिन्स होता है। यह लैक्सेटिव के तौर पर काम करता है, जिससे bachhe ke  शरीर में पहली बार mal  बनता है। जिन बच्चों को मां का दूध नहीं पिलाया जाता है, उन्हें बहुत kam age उम्र में पीलिया होने का खतरा अधिक रहता है। मां के दूध के कारण ही बच्चे मौसम संबंधी व अन्य बीमारियों से लड़ पाते हैं। मां के दूध का तापमान ऐसा होता है, जिसे navjat  का शरीर तत्काल स्वीकार kar लेता है। यह आसानी से पच भी जाता है, जबकि cow या भैंस का दूध या किसी तरह का pauder देने से पाचन संबंधी समस्या आ सकती है। डॉ. विशाल मकवाना के मुताबिक, जन्म के छह महीने से एक साल के बीच तक बच्चों में एसआईडीएस यानी अचानक शिशु मृत्यु संलक्षण का खतरा रहता है। इस दौरान उन्हें अच्छी देखभाल की जरूरत होती है और इसमें सबसे अहम भूमिका निभाता है मां का दूध। जो बच्चे मां का दूध पीते हैं, उनकी आंखों की रोशनी मजबूत रहती है। यही नहीं, ऐसे बच्चों के दांत और हड्डियां भी मजबूत रहती हैं।

स्तनपान का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे मां और बच्चे के बीच में भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है। दोनों के बीच सामंजस्य अच्छा बन जाता है। बच्चे को दूध पिलाना मां के लिए भी अच्छा होता है। बच्चे को जन्म देने के दौरान मां के शरीर को कई तरह के दर्द और घाव से जुझना पड़ता है। जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उनमें घाव jaldi  से भरते हैं और dard  सहने की क्षमता आती है। स्तनपान कराने से स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। महिला में हार्मोन्स संतुलन बना रहता है। प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ा हुए वजन कम करने में मदद मिलती है।